2.50 रुपये में समोसा बेच रही हैं 'सिंगाड़ा दादी', 80 साल की उम्र में भी लोगों का दिल जीत रही हैं
अनोखी कहानी: 2.50 रुपये में समोसा बेच रही हैं 'सिंगाड़ा दादी'
आज के दौर में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि 1 रुपये में टॉफी तक खरीदना मुश्किल हो गया है। लेकिन इस बढ़ती महंगाई के बीच पश्चिम बंगाल की 80 वर्षीय सुरबाला मंडल, जिन्हें लोग प्यार से 'सिंगाड़ा दादी' कहते हैं, सिर्फ़ 2.50 रुपये में समोसा बेचकर लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं।
35 सालों से चला रही हैं दुकान
तूफानगंज, पश्चिम बंगाल की रहने वाली सुरबाला मंडल पिछले 35 सालों से समोसे (सिंगाड़ा) और पकौड़े बेच रही हैं। उनकी दुकान पर हमेशा ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। लोग उनकी मुस्कान और मेहनत से बेहद प्रभावित हैं।
सुरबाला मंडल की खासियत सिर्फ़ उनके सस्ते समोसे ही नहीं, बल्कि उनकी जिंदादिली और सेवा भाव भी है। 80 साल की उम्र में भी वह पूरी लगन के साथ काम करती हैं। उनका कहना है कि अगर वह घर पर बैठ गईं तो उनकी तबीयत बिगड़ जाएगी।
‘सिंगाड़ा दादी’ की दुकान पर भीड़ क्यों रहती है?
- सस्ते और स्वादिष्ट समोसे – सिर्फ 2.50 रुपये में एक समोसा।
- 35 सालों का अनुभव – उनके हाथ के समोसे की अलग पहचान है।
- दिल जीतने वाली मुस्कान – दादी ग्राहकों से प्यार से पेश आती हैं।
- गुणवत्ता से समझौता नहीं – समोसे के स्वाद और गुणवत्ता को बरकरार रखा है।
पूरे कोच बिहार जिले में हैं मशहूर
'सिंगाड़ा दादी' सिर्फ तूफानगंज ही नहीं, बल्कि पूरे कोच बिहार जिले में प्रसिद्ध हैं। उनके बारे में सुनकर लोग दूर-दूर से उनके समोसे खाने आते हैं।
इडली अम्मा और अमृतसर के समोसा दादा की याद दिलाती हैं
सुरबाला मंडल की कहानी पढ़कर तमिलनाडु की 'इडली अम्मा' की याद आती है, जो 1 रुपये में भूखों को इडली खिलाती हैं। इसी तरह पंजाब के अमृतसर में एक 75 साल के बुजुर्ग भी 2.50 रुपये में समोसा बेच रहे हैं। इन लोगों का उद्देश्य सिर्फ पैसे कमाना नहीं, बल्कि लोगों को स्वादिष्ट और किफायती भोजन उपलब्ध कराना है।
सिंगाड़ा दादी की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा
सिंगाड़ा दादी की कहानी बताती है कि अगर मेहनत और लगन हो, तो उम्र सिर्फ़ एक नंबर है। उनका काम सिर्फ़ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि सेवा भी है।