गली-गली ठेला लगाकर अंगूठा छाप महिला चलाती थी करोड़ों का साइबर फ्रॉड, पुलिस भी रह गई हैरान!
पश्चिम बंगाल में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना के केस्तोपुर इलाके में एक 24 वर्षीय महिला, देबलीना चक्रवर्ती, गली-गली ठेला लेकर घूमती थी। देखने में वह एक आम महिला लगती थी, लेकिन उसका असली धंधा बेहद खतरनाक था। वह गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर उनके नाम पर सिम कार्ड लेती और उन्हें साइबर अपराधियों को बेच देती थी।
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि देबलीना का नेटवर्क साइबर ठगों से जुड़ा था, जो इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल डिजिटल फ्रॉड, लोन स्कैम, हैकिंग और अन्य साइबर अपराधों के लिए करते थे।
कैसे चलता था ये फर्जीवाड़ा?
देबलीना झुग्गी-बस्तियों में पहुंचकर लोगों को सस्ते मोबाइल प्लान्स का झांसा देती थी। वह उनसे आधार कार्ड और बायोमेट्रिक डिटेल्स मांगती, फिर बिना उनकी जानकारी के उनके नाम पर सिम एक्टिवेट कर लेती थी। इसके बाद वह टेलीग्राम चैनलों के जरिए यह सिम कार्ड बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साइबर अपराधियों को बेच देती थी।
इस तरह से उसने हजारों लोगों की पहचान चुरा ली और उन पर लिए गए सिम कार्ड्स का इस्तेमाल कर 200 से ज्यादा साइबर अपराधों को अंजाम दिया गया।
पुलिस ने मारा छापा, घर से मिले हजारों सिम कार्ड
कोलकाता पुलिस ने जब देबलीना चक्रवर्ती के घर पर छापा मारा तो अंदर का नजारा देख दंग रह गई। उसके घर से—
✅ 2,200 से अधिक सिम कार्ड
✅ 15 बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन मशीनें
✅ 18 मोबाइल फोन
✅ 237 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड
बरामद हुए।
पुलिस ने इस मामले में देबलीना के पति अनिर्बान साहा और उसके करीबी साथी रिपन साहा को भी गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ के बाद 9 अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है।
पड़ोसियों को नहीं थी भनक, पुलिस भी रह गई हैरान
देबलीना के पड़ोसियों के मुताबिक, वह अक्सर अलग-अलग इलाकों में जाकर सिम बेचने का काम करती थी। वह लगातार किराए के घर बदलती थी ताकि पुलिस और एजेंसियों की नजरों से बची रह सके।
कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने इस मामले की गहन जांच की और आखिरकार उसे रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध और यातायात) रूपेश कुमार ने कहा कि देबलीना के पास से मिले बायोमेट्रिक उपकरणों का इस्तेमाल लोगों के अंगूठे के निशान लेने और फर्जी KYC के जरिए सिम कार्ड एक्टिवेट करने के लिए किया जाता था।
साइबर अपराध में सिम स्वाइपिंग कैसे बन रही है बड़ा हथियार?
इस तरह के फर्जी सिम कार्ड्स का इस्तेमाल—
➡ फर्जी बैंक अकाउंट खोलने
➡ लोन स्कैम और फर्जीवाड़ा करने
➡ हैकिंग और डिजिटल ठगी
➡ ओटीपी चोरी करने
जैसे अपराधों के लिए किया जाता है।
अब तक की सबसे बड़ी सिम कार्ड ठगी!
पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया यह मामला अब तक की सबसे बड़ी सिम कार्ड ठगी मानी जा रही है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क के तार किन-किन राज्यों तक फैले हुए हैं।
👉 आप भी रहें सतर्क!
अगर कोई अजनबी आपको सस्ते प्लान्स या फ्री सिम कार्ड देने का लालच दे, तो सावधान रहें। किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने आधार कार्ड या बायोमेट्रिक डिटेल्स साझा न करें।