जूही चौबे ने राजस्थान में सिल्वर मेडल जीतकर भोजपुर-रोहतास का नाम किया रोशन
जूही चौबे की उपलब्धि बनी प्रेरणा, बॉलीवुड अभिनेता बमन ईरानी ने किया सम्मानित
बिहार की बेटियां हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं। इसी कड़ी में भोजपुर और रोहतास जिले का नाम रोशन किया है जूही चौबे ने, जिन्होंने राजस्थान के ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर में एमएड में द्वितीय स्थान प्राप्त कर सिल्वर मेडल जीता है। उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता बमन ईरानी ने उन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया।
जूही चौबे: मेहनत और लगन की मिसाल
जूही चौबे की यह उपलब्धि सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि बिहार की उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो शादी के बाद भी अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं। जूही चौबे भोजपुर जिले के पूर्वी नवादा, आरा निवासी गुरुकुल एकेडमी के डायरेक्टर ललित विजय की बहन हैं। साथ ही, वे रोहतास जिले के घोषिया निवासी बिनोद चौबे की बेटी और धारुपुर निवासी निर्मल कुमार तिवारी की पुत्रवधू हैं।
जूही चौबे ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर में एमएड संकाय में द्वितीय स्थान प्राप्त कर पूरे विश्वविद्यालय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए उन्हें 22 फरवरी 2025 को आयोजित वार्षिक दीक्षांत समारोह में बॉलीवुड अभिनेता बमन ईरानी के हाथों सिल्वर मेडल प्रदान किया गया।
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जूही चौबे ने राजस्थान में सिल्वर मेडल जीतकर |
शादी के बाद भी सफलता की उड़ान
आमतौर पर शादी के बाद लड़कियों की शिक्षा बाधित हो जाती है, लेकिन जूही चौबे ने इस धारणा को तोड़ते हुए साबित कर दिया कि अगर हौसला और मेहनत हो, तो शादी के बाद भी सपनों को पूरा किया जा सकता है। उनके ससुर निर्मल कुमार तिवारी, जो खुद भी नेतरहाट विद्यालय के पूर्व छात्र (नेतरहाटियन) हैं, ने हमेशा जूही को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपनी बहू को पूरा सहयोग दिया, जिससे जूही यह साबित कर सकीं कि महिलाएं घर और करियर दोनों में संतुलन बनाकर भी सफलता प्राप्त कर सकती हैं। जूही की यह सफलता उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, साथ ही यह उन सभी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा है, जो शादी के बाद भी अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखती हैं।
बमन ईरानी से मिला सम्मान, जीवनभर रहेगा यादगार
बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता बमन ईरानी, जो "थ्री इडियट्स", "मुन्नाभाई एमबीबीएस" जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने खुद जूही को यह सम्मान दिया। जूही के लिए यह पल बेहद खास था।
सम्मान समारोह के दौरान जूही चौबे ने कहा:
"यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण है। मैंने अपनी मेहनत और परिवार के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया। मेरा सपना है कि मैं शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर करूं और अपने राज्य बिहार को गौरवान्वित करूं।"
बिहार की लड़कियों के लिए प्रेरणा बनीं जूही
जूही की यह सफलता उन सभी बेटियों और बहुओं के लिए प्रेरणादायक है, जो शिक्षा और करियर में आगे बढ़ना चाहती हैं। यह सफलता साबित करती है कि अगर परिवार का समर्थन मिले और खुद पर विश्वास हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
जूही चौबे ने सिर्फ अपने परिवार और गांव का ही नहीं, बल्कि पूरे भोजपुर और रोहतास जिले का नाम रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि बिहार की बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
निष्कर्ष: बेटियों को उड़ान देने की जरूरत
जूही चौबे की यह कहानी बताती है कि शादी के बाद भी महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं। जरूरी है कि परिवार और समाज उनका साथ दें। जूही चौबे की मेहनत, समर्पण और सफलता का यह सफर उन सभी के लिए एक सबक है, जो मानते हैं कि शादी के बाद महिलाओं के सपने खत्म हो जाते हैं।
आज जूही चौबे न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे बिहार की बेटियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं। उन्हें इस उपलब्धि के लिए ढेरों बधाइयां!