SIP निवेशकों के लिए खतरे की घंटी! जनवरी में रिकॉर्ड 61.33 लाख SIP बंद
SIP निवेशकों के लिए खतरे की घंटी: जनवरी में रिकॉर्ड 61.33 लाख SIP बंद
नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए चिंता की खबर है। जनवरी 2025 में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बंद होने की संख्या 61.33 लाख के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। यह संख्या नई SIPs की तुलना में अधिक है, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों के बीच अनिश्चितता और घबराहट बढ़ रही है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में 56.19 लाख नई SIPs शुरू हुईं, लेकिन उससे अधिक संख्या में SIP बंद हो गईं। यह पहली बार हुआ है जब SIPs के बंद होने की संख्या, नई SIPs के मुकाबले ज्यादा हो गई है।
दिसंबर 2024 में 54.27 लाख नई SIPs शुरू हुई थीं, जबकि 44.90 लाख SIPs बंद हुई थीं। इसी तरह, नवंबर 2024 में 49.47 लाख SIPs शुरू हुई थीं और 39.14 लाख SIPs बंद हुई थीं। लेकिन जनवरी में यह ट्रेंड बदल गया और SIPs बंद होने की दर 109% तक पहुंच गई।
SIP बंद होने के पीछे की वजहें
1. शेयर बाजार की अस्थिरता
पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इससे खुदरा निवेशकों में घबराहट बढ़ी है। जब निवेशक अपने पोर्टफोलियो की वैल्यू को गिरते हुए देखते हैं, तो वे SIP रोकने का फैसला कर लेते हैं।
2. निवेशकों का धैर्य टूटना
विशेषज्ञों का मानना है कि COVID-19 के बाद जिन नए निवेशकों ने बाजार में कदम रखा, उन्होंने कभी इतनी बड़ी गिरावट नहीं देखी थी। जब उन्होंने बाजार को नीचे जाते देखा, तो उनमें घबराहट बढ़ी और उन्होंने SIP बंद करने का फैसला कर लिया।
3. वैकल्पिक निवेश विकल्पों की ओर झुकाव
सोना, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और डेट फंड्स जैसे निवेश विकल्पों में अधिक स्थिरता होती है। इसलिए कुछ निवेशक SIP से पैसा निकालकर इन सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर जा रहे हैं।
4. बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट
देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से लोगों की आय और बचत प्रभावित हो रही है। कई निवेशक अपनी SIP को रोक रहे हैं ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए अधिक पैसे बचा सकें।
विशेषज्ञों की राय: SIP बंद करना सही फैसला नहीं
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि SIP को बीच में बंद करना सही रणनीति नहीं है। अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेज की संस्थापक प्रीति ज़ेंडे के अनुसार,
"अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो SIP बंद करने की बजाय इसे जारी रखना फायदेमंद होगा। गिरते हुए बाजार में निवेश जारी रखने से आपको कम कीमत पर अधिक यूनिट्स मिलेंगी, जिससे बाजार के रिकवरी करने पर बड़ा लाभ होगा।"
SIP का फायदा लंबी अवधि में ही नजर आता है, क्योंकि यह रुपये-कॉस्ट एवरेजिंग और कंपाउंडिंग के जरिए अच्छा रिटर्न देता है। यदि बाजार नीचे जाता है, तो SIP के जरिए अधिक यूनिट्स खरीदी जा सकती हैं, जिससे बाजार सुधरने पर बड़ा फायदा होगा।
क्या करें?
- SIP जारी रखें: बाजार में गिरावट के बावजूद SIP जारी रखना समझदारी भरा कदम है, क्योंकि यह लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देता है।
- इक्विटी से डरने की जरूरत नहीं: बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय इसे एक अवसर के रूप में देखें।
- अपने निवेश की समीक्षा करें: यदि आप SIP रोकने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।
- गिरावट का फायदा उठाएं: बाजार में गिरावट के समय ज्यादा यूनिट्स खरीदने का मौका मिलता है, जिससे भविष्य में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
निष्कर्ष
SIP बंद होने की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि निवेशकों के डर और अस्थिरता को दर्शाती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि SIP को जारी रखना ही समझदारी है, क्योंकि यह लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देता है। इसलिए, घबराने के बजाय अपने निवेश को समझदारी से जारी रखें और बाजार की गिरावट को अवसर के रूप में देखें।