रामभक्त कामेश्वर चौपाल का निधन—प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेताओं ने जताया दुख!
Narendra Modi, Ayodhya, Ram Mandir
रामभक्त कामेश्वर चौपाल जी का निधन: एक युग का अंत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। वे न केवल एक समर्पित रामभक्त थे, बल्कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है। उनके निधन से समाज ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया है, जिन्होंने धर्म, समाज और राजनीति के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।
राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका
कामेश्वर चौपाल जी को राम मंदिर आंदोलन के प्रथम शिलान्यासकर्ता के रूप में जाना जाता है। 9 नवंबर 1989 को उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी। यह क्षण उनके जीवन का ही नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि था। दलित समुदाय से आने के बावजूद उन्होंने समाज की हर बाधा को पार कर हिंदू एकता और समरसता का संदेश दिया।
दलित समाज के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता
कामेश्वर चौपाल जी केवल एक धार्मिक नेता ही नहीं, बल्कि समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए भी सदैव प्रयासरत रहे। उन्होंने दलित समुदाय को सामाजिक सम्मान दिलाने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे मानते थे कि समाज के प्रत्येक वर्ग को समान अवसर मिलना चाहिए और यही विचारधारा उन्होंने अपने जीवनभर अपनाई।
राजनीति और सामाजिक कार्य
भाजपा के वरिष्ठ नेता के रूप में वे राष्ट्रवाद और सामाजिक समरसता के प्रति पूरी तरह समर्पित थे। वे कई बार विभिन्न संगठनों और संस्थानों के माध्यम से जनसेवा में लगे रहे। उनकी विचारधारा और कार्यशैली नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर (X) के माध्यम से कामेश्वर चौपाल जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि "कामेश्वर चौपाल जी का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित रहे। राम मंदिर आंदोलन में उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।" प्रधानमंत्री ने उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना प्रकट की और उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
श्रद्धांजलि
आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तब उनकी यादें, उनके विचार और उनके कार्य हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। समाज के वंचित वर्गों के लिए किए गए उनके प्रयास और राम मंदिर निर्माण में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस शोक की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
ॐ शांति!