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महाकुंभ 2025 में 65 करोड़ श्रद्धालुओं की गिनती कैसे हुई? जानिए AI तकनीक का सच!

महाकुंभ 2025 में सरकार ने 65 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या का ऐलान किया, लेकिन यह आंकड़ा कैसे निकाला गया? जानिए AI तकनीक के बारे में।

महाकुंभ 2025 में आए 65 करोड़ लोगों की गिनती कैसे हुई? जानिए पूरी प्रक्रिया और AI तकनीक का रहस्य!

महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन

महाकुंभ 2025, प्रयागराज में आयोजित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है। हर बार की तरह इस बार भी करोड़ों श्रद्धालु यहां आए, लेकिन इस बार सरकार द्वारा जारी किए गए 65 करोड़ आगंतुकों के आंकड़े को लेकर कई सवाल खड़े हुए।

क्या सच में इतने लोग आए?
अगर आए तो सरकार ने इनकी गिनती कैसे की?

कई लोग यह भी सोच रहे हैं कि कहीं यह आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर तो नहीं दिखाया गया? खासकर विपक्षी दलों और कई सामाजिक संगठनों ने इस पर सवाल उठाए हैं।

आज हम इस लेख में हर सवाल का जवाब देंगे और बताएंगे कि कैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक की मदद से इतनी बड़ी संख्या में लोगों की गिनती की गई।

महाकुंभ 2025 में 65 करोड़ लोगों की गिनती कैसे हुई?



महाकुंभ 2025 में 65 करोड़ लोगों की गिनती कैसे हुई?

महाकुंभ में पहली बार, योगी सरकार ने AI (Artificial Intelligence) और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके भीड़ का सही अनुमान लगाने का प्रयास किया।

इस बार सरकार ने 500 से अधिक AI-सक्षम स्मार्ट कैमरे लगाए, जो भीड़ की गणना करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रहे थे। इन कैमरों की मदद से तीन तरीकों से लोगों की गिनती की गई:

1. भीड़ के घनत्व (Crowd Density) का विश्लेषण

इस तकनीक में AI यह पता लगाता है कि किस क्षेत्र में कितने लोग मौजूद हैं।

✅ इसमें यह देखा जाता है कि एक निर्धारित स्थान पर कितने लोगों का जमावड़ा है।
✅ AI ऑटोमेटिक यह गणना करता है कि एक वर्ग किलोमीटर में औसतन कितने लोग खड़े हैं।
✅ यदि किसी क्षेत्र में 10,000 लोग खड़े हैं और कुल क्षेत्र 10 वर्ग किलोमीटर है, तो कुल अनुमानित भीड़ 1 लाख होगी।

👉 यह तकनीक फुटबॉल स्टेडियम, क्रिकेट स्टेडियम और बड़े आयोजनों में इस्तेमाल की जाती है।


2. हेड काउंट (Head Counting) तकनीक

✅ AI कैमरों को ऊपर से सेट किया गया था, ताकि वे प्रत्येक व्यक्ति के सिर की गिनती कर सकें।
✅ यह गिनती वास्तविक समय (Real-Time) में होती है और इसके आधार पर कुल संख्या का अनुमान लगाया जाता है।

👉 फेसबुक और गूगल के एल्गोरिदम में भी यह तकनीक इस्तेमाल की जाती है, ताकि ऑडियंस एनालिटिक्स निकाला जा सके।


3. फेसियल रिकग्निशन (Facial Recognition) तकनीक

✅ इस तकनीक में AI प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे को स्कैन करता है और उसकी यूनिक आईडी तैयार करता है।
✅ यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति दो बार गिना ना जाए।
✅ यह तकनीक बैंकिंग, सुरक्षा एजेंसियों और हवाई अड्डों पर भी इस्तेमाल की जाती है।

👉 इस तकनीक के कारण गलत गणना की संभावना बहुत कम हो जाती है।


क्या AI से गिनती करना सही तरीका है?

✅ आज पूरी दुनिया में भीड़ की गणना के लिए AI तकनीक का ही उपयोग किया जाता है।
✅ FIFA World Cup 2022, Makkah Hajj 2023 और Tokyo Olympics 2021 में भी AI तकनीक से गिनती हुई थी।
✅ AI की सटीकता 90% से 99% होती है, इसलिए यह तरीका काफी भरोसेमंद है।

👉 इस तरह के आयोजनों में मैन्युअल गिनती करना संभव नहीं होता, इसलिए AI का उपयोग सबसे कारगर तरीका है।


क्या 65 करोड़ का आंकड़ा सही है?

👉 इस संख्या में उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जो महाकुंभ में एक से अधिक बार आए।
👉 यदि कोई व्यक्ति तीन दिन तक मेले में आता है, तो उसकी गिनती तीन बार होगी।
👉 हालांकि, अनुमान है कि ऐसे लोग केवल 1% होंगे, इसलिए इस संख्या पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता।


क्या सरकार ने आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया?

यह सवाल हमेशा उठता है, लेकिन AI टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की वजह से इस बार गिनती ज्यादा सटीक हुई है।

अगर सरकार ने सिर्फ अनुमान लगाया होता, तो यह आंकड़ा अविश्वसनीय लगता।
AI के इस्तेमाल से यह गिनती वैज्ञानिक और प्रमाणिक तरीके से की गई है।

👉 इसलिए, इस आंकड़े को गलत मानना पूरी तरह उचित नहीं होगा।


महाकुंभ में भीड़ का प्रबंधन कैसे किया गया?

इतनी विशाल भीड़ को संभालने के लिए सरकार ने कई सुरक्षा उपाय भी किए:

500 से ज्यादा AI कैमरे लगाए गए
रियल-टाइम डेटा एनालिसिस किया गया
सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई
मेला क्षेत्र को 6 जोन और 24 सेक्टर में बांटा गया
हेलिकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी रखी गई

👉 इन सभी तकनीकों से यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी अप्रिय घटना ना हो।


निष्कर्ष: क्या 65 करोड़ का आंकड़ा सही है?

महाकुंभ 2025 में भीड़ की गणना AI तकनीक की मदद से की गई, जिसमें भीड़ घनत्व, हेड काउंट और फेसियल रिकग्निशन का उपयोग किया गया।

✅ यह वही तकनीक है जो दुनिया के बड़े आयोजनों में अपनाई जाती है।
✅ AI की गिनती 90-99% तक सटीक होती है।
✅ इसमें कुछ दोहराव संभव है, लेकिन कुल आंकड़ों में इसका प्रभाव नगण्य होगा।

👉 इसलिए, AI से गिनी गई संख्या को गलत कहना उचित नहीं होगा।

डिस्क्लेमर (Disclaimer):

यह लेख महाकुंभ 2025 में AI तकनीक द्वारा भीड़ गिनने की प्रक्रिया को समझाने के उद्देश्य से लिखा गया है। यह जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों, तकनीकी विश्लेषणों और सरकारी बयानों पर आधारित है। इस लेख में प्रस्तुत आंकड़े सरकारी और सार्वजनिक रिपोर्ट्स से लिए गए हैं और इसमें किसी भी प्रकार की भ्रम या गलत सूचना फैलाने का उद्देश्य नहीं है।

हमारा उद्देश्य जनता को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है। किसी भी आधिकारिक सूचना के लिए कृपया सरकार या संबंधित संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइटों पर जाएं।

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