144 साल पर आ रहा है माघी पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघी पूर्णिमा 2025 पर गंगा स्नान, व्रत, दान-पुण्य और पूजा विधि का विशेष महत्व है। जानें शुभ मुहूर्त
माघी पूर्णिमा 2025: जानिए गंगा स्नान, व्रत विधि और दान-पुण्य का शुभ मुहूर्त!
📰 माघी पूर्णिमा 2025: धार्मिक महत्व, व्रत कथा और स्नान का पुण्य फल
📅 माघी पूर्णिमा 2025 तिथि:
➡️ दिनांक: 12 फरवरी 2025 (मंगलवार)
➡️ पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 फरवरी 2025 को रात्रि 08:30 बजे
➡️ पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025 को सायं 07:15 बजे
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🔹 माघी पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
माघ मास की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान एवं दान करने का विशेष महत्व है। यह दिन धार्मिक अनुष्ठानों, दान-पुण्य और पवित्र स्नान के लिए उत्तम माना जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान, दान और जप से कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
माघी पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन श्रद्धालु उनके उपदेशों को याद करते हैं और समाज में समता व भाईचारे का संदेश फैलाते हैं।
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🔹 गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठान
माघी पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में संगम तट, वाराणसी, हरिद्वार, गंगासागर और अन्य तीर्थ स्थलों पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। प्रयागराज में माघ मेले का समापन भी इसी दिन होता है, जहां लाखों श्रद्धालु कल्पवास के बाद गंगा स्नान करके पुनः अपने घरों को लौटते हैं।
📌 स्नान का महत्व:
✅ गंगा, यमुना, सरस्वती संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है।
✅ इस दिन तीर्थस्थलों पर पिंडदान और तर्पण करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।
✅ इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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🔹 माघी पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
🔹 सुबह जल्दी उठकर गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
🔹 भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें तथा पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं।
🔹 दान-पुण्य करें, जिसमें तिल, गुड़, वस्त्र और अन्नदान का विशेष महत्व है।
🔹 गरीबों को भोजन कराएं और ब्राह्मणों को दक्षिणा दें।
🔹 इस दिन सत्संग एवं भजन-कीर्तन करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
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🔹 माघी पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन किए गए दान-पुण्य, जप-तप और साधना से विशेष आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
इस दिन ग्रहों की विशेष स्थिति होने के कारण, कई लोग मंगलकारी उपाय भी करते हैं, जैसे—
✅ चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाना।
✅ आर्थिक समृद्धि के लिए भगवान विष्णु को तिल और गुड़ का भोग लगाना।
✅ पितरों की कृपा पाने के लिए तर्पण और ब्राह्मण भोजन करवाना।
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🔹 प्रमुख तीर्थ स्थल जहां होता है स्नान का विशेष महत्व
1️⃣ प्रयागराज (त्रिवेणी संगम, उत्तर प्रदेश)
2️⃣ हरिद्वार (हर की पौड़ी, उत्तराखंड)
3️⃣ वाराणसी (काशी, उत्तर प्रदेश)
4️⃣ गंगासागर (पश्चिम बंगाल)
5️⃣ उज्जैन (शिप्रा नदी, मध्य प्रदेश)
6️⃣ नासिक (गोदावरी नदी, महाराष्ट्र)
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🔹 निष्कर्ष
माघी पूर्णिमा हिंदू धर्म में दान, स्नान और जप-तप का महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य कई जन्मों के पापों को समाप्त कर देते हैं और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। अगर आप पुण्य लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस पावन अवसर पर गंगा स्नान करें, दान-पुण्य करें और भगवान विष्णु एवं शिवजी की आराधना करें।
🛕 "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" 🙏
News Generated By Ai
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