आपके आधार-पैन में गलत जन्मतिथि?" हाईकोर्ट के फैसले से बदल जाएगा सिस्टम!
क्या होगा अगर होगा अगर आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी आपकी असली उम्र को साबित ना कर सके?
सोचिए... आप किसी सरकारी काम के लिए जाते हैं, हाथ में आधार कार्ड और पैन कार्ड लिए, लेकिन अधिकारी कहता है – "ये सब मान्य नहीं है, असली जन्मतिथि का सबूत लाइए!" 😱
अब सवाल उठता है – तो फिर असली प्रमाण क्या है?
गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जो करोड़ों लोगों की जन्मतिथि से जुड़ी पहचान को हिला सकता है। अदालत ने साफ कह दिया कि –
🚫 "आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस में लिखी जन्मतिथि को अंतिम प्रमाण नहीं माना जाएगा!"
✅ "केवल जन्म प्रमाण पत्र में दर्ज जन्मतिथि ही कानूनी रूप से मान्य होगी!"
तो क्या आपके पास असली जन्म प्रमाण पत्र है? अगर नहीं, तो ये खबर आपको चौंका सकती है! आइए जानते हैं पूरा मामला…
👉 मामला: जब सरकारी दस्तावेज भी धोखा दे गए!
इस केस की कहानी शुरू होती है एक व्यक्ति से, जिसने अपनी जन्मतिथि बदलवाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
📌 उसका दावा था:
- उसके सभी दस्तावेज – आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में जन्मतिथि 20 अगस्त 1990 दर्ज है।
- लेकिन नगर निगम द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र में 16 अगस्त 1990 लिखा है!
🤯 यानी 4 दिन का अंतर!
अब उसने कोर्ट से अपील की – "कृपया मेरे जन्म प्रमाण पत्र को बदलने का आदेश दें, ताकि मेरी सारी सरकारी आईडी मेल खा सके!"
लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया, वो इस याचिकाकर्ता के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था!
🚨 The date of birth recorded in documents such as Aadhaar, PAN and driving licences cannot be considered as final proof. Only the birth certificate date will be deemed as official - Gujarat High Court. pic.twitter.com/gaQza9GbeT
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) February 20, 2025
🔴 हाईकोर्ट का करारा जवाब: "जन्म प्रमाण पत्र ही असली पहचान है!"
अदालत ने दो टूक शब्दों में कहा –
💬 "आपके आधार, पैन या पासपोर्ट में जो भी जन्मतिथि लिखी हो, वो मायने नहीं रखती! असली प्रमाण सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र ही होगा!"
👉 लेकिन क्यों?
✔ क्योंकि आधार, पैन, पासपोर्ट, स्कूल प्रमाण पत्र – ये सब माता-पिता या व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बनाए जाते हैं।
✔ जबकि जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल के रिकॉर्ड से सीधे लिया जाता है, जो सबसे प्रमाणिक होता है।
✔ इसलिए अदालत ने साफ कह दिया – जन्म प्रमाण पत्र में दर्ज जन्मतिथि को ही अंतिम सत्य माना जाएगा!
🤔 क्या आपके दस्तावेज़ भी गलत हो सकते हैं?
अब ज़रा सोचिए...
अगर आपके आधार-पैन और जन्म प्रमाण पत्र में जन्मतिथि अलग-अलग है, तो क्या आप पर भी इस फैसले का असर पड़ेगा?
क्या होगा अगर बैंक में KYC करवाते समय आपकी जन्मतिथि को लेकर सवाल उठने लगे?
क्या होगा अगर सरकारी योजनाओं या पेंशन के लिए सही उम्र का प्रमाण मांगा जाए?
📢 अगर आपके सरकारी दस्तावेज और जन्म प्रमाण पत्र में अंतर है, तो अब वक्त आ गया है कि आप इसे चेक करें!
🚨 इस फैसले का असर: लाखों लोगों के लिए खतरे की घंटी!
✅ अब अगर किसी को अपनी जन्मतिथि सही करवानी है, तो उसे आधार, पैन या ड्राइविंग लाइसेंस की जगह जन्म प्रमाण पत्र को आधार बनाना होगा।
✅ स्कूल सर्टिफिकेट या पासपोर्ट में दी गई जन्मतिथि कोर्ट में मान्य नहीं होगी।
✅ सरकारी नौकरी, पेंशन, इंश्योरेंस और बैंकिंग से जुड़े मामलों में सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र ही अंतिम प्रमाण माना जाएगा।
यह फैसला कई लोगों के लिए सिरदर्द बन सकता है, खासकर उनके लिए जिनके दस्तावेजों में जन्मतिथि अलग-अलग दर्ज है!
📌 तो अब क्या करें?
अगर आपके डॉक्यूमेंट्स में कोई गड़बड़ी है, तो जल्द ही नगर निगम से संपर्क करके अपने जन्म प्रमाण पत्र की कॉपी निकालें।
👉 अगर उसमें गलत जानकारी है, तो आधिकारिक प्रक्रिया के तहत उसमें सुधार करवाएं।
📢 याद रखें, आने वाले समय में यह फैसला कई सरकारी प्रक्रियाओं में बड़ा बदलाव ला सकता है!
💡 निष्कर्ष: आपका जन्म प्रमाण पत्र ही असली पहचान है!
गुजरात हाईकोर्ट का यह फैसला पूरे देश में एक मिसाल बनेगा। अब कोई भी व्यक्ति आधार, पैन या अन्य दस्तावेजों के आधार पर अपनी जन्मतिथि बदलवाने की अपील नहीं कर सकता।
तो क्या आपके दस्तावेज सही हैं? या आपको भी अब सतर्क हो जाना चाहिए?
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Disclaimer (अस्वीकरण)
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों और समाचार रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार की गई है। यह केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है और इसे किसी कानूनी या आधिकारिक सलाह के रूप में न लिया जाए। यदि आपको अपनी जन्मतिथि या अन्य कानूनी दस्तावेजों में कोई परिवर्तन करवाना है, तो संबंधित सरकारी विभाग या कानूनी विशेषज्ञ से परामर्श लें। News Arrah किसी भी प्रकार की कानूनी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करता।