मुख्यमंत्री बनने के लिए 4 करोड़ रुपये मांगे' - बीजेपी विधायकों के साथ ठगी का खुलासा!
'मुख्यमंत्री बनने के लिए 4 करोड़ रुपये मांगे...' शाह और नड्डा के नाम पर ठगी का सनसनीखेज खुलासा!
देश में साइबर अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन अब यह अपराध सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि नेताओं को भी शिकार बनाया जा रहा है। हाल ही में मणिपुर और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों को एक ऐसी ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की गई, जिसमें 'अमित शाह' और 'जेपी नड्डा' जैसे बड़े नेताओं के नाम का इस्तेमाल किया गया।
मणिपुर में एक विधायक को 'मुख्यमंत्री बनाने' के नाम पर 4 करोड़ रुपये की मांग की गई, जबकि उत्तराखंड में विधायक से बीजेपी के लिए चंदा मांगा गया। इन घटनाओं के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। आखिर क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं—
मणिपुर: 'जय शाह' बनकर विधायक से 4 करोड़ की डिमांड
मणिपुर में ठगों ने एक विधायक को फोन कर खुद को अमित शाह के बेटे जय शाह के रूप में पेश किया और मुख्यमंत्री बनाने के लिए 4 करोड़ रुपये की मांग कर डाली।
बीजेपी विधायक थोकचोम सत्यव्रत सिंह ने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क किया गया। कॉल करने वाले ने खुद को जय शाह बताया और कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो उन्हें 4 करोड़ रुपये देने होंगे।
पहले तो विधायक को यह बात मजाक लगी, लेकिन जब ठग ने बार-बार यही दोहराया तो उन्हें शक हुआ। सत्यव्रत सिंह ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इस मामले में मणिपुर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318(4) और 319(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है।
उत्तराखंड: बीजेपी विधायक से मांगा चंदा
ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड में भी सामने आया। हरिद्वार के भेल रानीपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक आदेश चौहान को 14 फरवरी की रात 12:30 बजे एक फोन आया।
फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को जय शाह बताया और कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस समय व्यस्त हैं, इसलिए उन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेटे "हरीश नड्डा" के साथ काम करना होगा।
इसके बाद फोन करने वाले ने विधायक से 5 लाख रुपये चंदे के रूप में मांगे।
विधायक को शक हुआ, तो उन्होंने जेपी नड्डा के बेटे हरीश नड्डा से संपर्क किया। हरीश नड्डा ने ऐसी किसी भी मांग से साफ इनकार कर दिया।
जब विधायक ने इस बारे में फोन करने वाले व्यक्ति को बताया कि उन्होंने हरीश नड्डा से बात कर ली है, तो ठग ने तुरंत कॉल काट दी।
राजनीतिक ठगी के पीछे क्या है मकसद?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मणिपुर में चल रही राजनीतिक अस्थिरता और उत्तराखंड में आगामी चुनावों का फायदा उठाने के लिए ठगों ने यह योजना बनाई होगी।
मणिपुर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है और बीजेपी के कई विधायक सरकार बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में ठगों ने मुख्यमंत्री पद के नाम पर धोखाधड़ी करने की कोशिश की।
वहीं, उत्तराखंड में भी चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसे में ठगों ने सोचा होगा कि नेताओं से चंदे के नाम पर पैसे ऐंठे जा सकते हैं।
Manipur Police has received complaints about fraudulent calls from unknown individuals attempting to influence and mislead MLAs of the State Assembly by exploiting the ongoing political situation in the state. With regard to this, an FIR has been registered in Imphal PS and…
— Manipur Police (@manipur_police) February 15, 2025
पुलिस की कार्रवाई: जल्द होंगे गिरफ्तार?
मणिपुर पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि कॉल ट्रेस किए जा रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
उत्तराखंड पुलिस ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और साइबर क्राइम टीम इसकी जांच कर रही है।
राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले को लेकर चिंता जताई है और नेताओं से सावधान रहने की अपील की गई है।
कैसे बचें ऐसी ठगी से?
- अचानक आए किसी भी संदिग्ध कॉल को तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें।
- बड़े नेताओं या अधिकारियों के नाम पर आए किसी भी कॉल या संदेश की पहले पुष्टि करें।
- अगर कोई पैसे मांगता है, तो बिना जांच-पड़ताल के पैसे न दें।
- अगर कोई व्हाट्सएप या अन्य मैसेजिंग ऐप से कॉल करता है, तो उसकी सच्चाई जांचें।
- ऐसी घटनाओं को मीडिया या सोशल मीडिया पर उजागर करें ताकि अन्य लोग भी सतर्क रहें।
निष्कर्ष
इस घटना ने दिखाया कि ठग किस हद तक जा सकते हैं। मणिपुर और उत्तराखंड में हुए इस राजनीतिक फ्रॉड से साफ है कि अब नेता भी साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं।
हालांकि, पुलिस सक्रिय रूप से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या आपने कभी ऐसे किसी फ्रॉड कॉल का सामना किया है? हमें कमेंट में बताएं!
✅ मुख्यमंत्री पद ठगी
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Disclaimer:
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