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नीतीश कैबिनेट का विस्तार: सिर्फ़ BJP के 7 नए मंत्री, JDU को नहीं मिली जगह!

नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सिर्फ़ बीजेपी विधायकों को मंत्री पद दिया गया। जानिए पूरी लिस्ट और इसके पीछे की राजनीति।

बिहार में नीतीश कुमार सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार आखिरकार पूरा हो गया। इस बार सिर्फ़ बीजेपी कोटे से 7 नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, जबकि जेडीयू के किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली। यह राजनीतिक संतुलन में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, खासकर आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए।

शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इन सातों विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इसी के साथ बिहार सरकार के 36 मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया।

नीतीश कैबिनेट का विस्तार, BJP के 7 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ


कौन बने नए मंत्री? (BJP कोटे से 7 चेहरे शामिल)

संजय सरावगी (दरभंगा)
सुनील कुमार (बिहारशरीफ)
जीवेश कुमार (जाले)
राजू सिंह (साहेबगंज)
मोती लाल प्रसाद (रीगा)
कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर)
विजय मंडल (सिकटी)

JDU को क्यों नहीं मिली जगह?

इस मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू के किसी विधायक को शामिल नहीं किया गया, जिससे कई राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इससे पहले भी जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, तब भी मंत्रिमंडल में बीजेपी के ज्यादा विधायकों को तवज्जो दी गई थी।

नए मंत्रियों का बैकग्राउंड

1️⃣ संजय सरावगी (दरभंगा)

तीन बार के विधायक संजय सरावगी को दरभंगा से बड़ी जीत मिली थी। वह वित्त और शिक्षा से जुड़े मामलों में खास रुचि रखते हैं।

2️⃣ सुनील कुमार (बिहारशरीफ)

चार बार विधायक रह चुके सुनील कुमार को एक ईमानदार नेता के रूप में जाना जाता है।

3️⃣ जीवेश कुमार (जाले)

2015 में पहली बार विधायक बने जीवेश कुमार बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता भी रह चुके हैं।

4️⃣ राजू सिंह (साहेबगंज)

मजबूत जनाधार रखने वाले राजू सिंह की गिनती फायरब्रांड नेताओं में होती है।

5️⃣ मोतीलाल प्रसाद (रीगा)

दो बार विधायक रह चुके मोतीलाल प्रसाद की पार्टी में सीनियर लीडर के तौर पर पहचान है।

6️⃣ कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर)

2010 और 2020 के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले मंटू इस बार कैबिनेट में जगह बनाने में सफल रहे।

7️⃣ विजय मंडल (सिकटी)

पांच बार विधायक रह चुके विजय मंडल को उनके पिता की राजनीतिक विरासत भी मिली है।

कैसे हुई यह राजनीतिक साज़िश?

बीजेपी और जेडीयू की जोड़ी नई नहीं है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में सिर्फ़ बीजेपी विधायकों को शामिल करना एक बड़ा संदेश दे रहा है। क्या यह 2025 के चुनाव से पहले जेडीयू और बीजेपी के बीच बढ़ती दूरी का संकेत है?

इसी के बीच, बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने घोषणा की कि 4 मार्च को पार्टी की बैठक होगी, जिसमें बिहार के नए बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।

क्या यह 2025 के चुनावी रण का संकेत है?

विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी अब बिहार में अपनी स्थिति को और मज़बूत करने में लगी है। मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को ध्यान में रखा गया है, जिससे 2025 के चुनावों में बीजेपी को फायदा हो सकता है।

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